शुक्रवार, 31 अगस्त 2012

मेरा नया बचपन


इन्हें कौन रोके.. बचपन पढ़ाई के लिए होती है। कलम और किताब वाले हाथों में ताश के पत्ते। यह तस्वीर पाकुड़ जिले के चापाडांगा की है। यह सभी बच्चे उत्क्रमित विद्यालय में पढ़ाई करने के लिए घर से निकले। स्कूल जाने की बजाये यह जुआ खेलने में मस्त रहते हैं। न अभिभावक को इनकी चिंता है न ही समाज के पैरोकारों को। आखिर इन्हें इस बुरी आदत से कौन रोके। यह प्रश्न हमेशा से ही समाज के लिए एक पहेली बना रहा है। छाया : मोइनुल हक, पाकुड़

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