सोमवार, 23 अप्रैल 2012

उप्फ़ ये गर्मी! नहीं मिलता पानी


मेरी भी सुनो भैया, इस भीषण गर्मी में मेरे भी कंठ सूखे जा रहे हैं मुझे भी थोडा पीने के लिए पानी चाहिए यह आलम है सोमवार को नवगछिया बाजार का जहां भीषण गर्मी में आदमी के साथ साथ पशु भी त्रस्त देखे गए छाया - राजेश कानोडिया, नवगछिया

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें